श्रीकोट को नगर पंचायत बनाया जाए

श्रीनगर। तेजी से विकसित हो रहे श्रीकोट के ग्रामीण अब नगर पंचायत की मांग के लिए मुखर होने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नगर पंचायत होने से श्रीकोटवासियों को स्ट्रीट लाइट और सफाई अव्यवस्था जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
10 हजार से भी अधिक आबादी वाले और चार किमी के दायरे में फैले श्रीकोट ग्राम पंचायत में सफाई की व्यवस्था और गलियों में स्ट्रीट लाइट तक नहीं हैं। तंग गलियों में कूड़ेदान न होने से ग्रामीण घरों के कूड़े कचरे को यहां-वहां फेंकने को मजबूर हैं। कई जगह पर अतिक्रमण से नालियां भी खत्म हो रही हैं। इन सभी समस्याओं को देखते हुए श्रीकोटवासी अब नगर पंचायत की मांग के लिए मुखर होने लगे हैं। ग्राम प्रधान श्रीकोट राजेश्वरी रावत ने बताया कि दिसंबर 2012 में श्रीकोट को नगर पालिका श्रीनगर में शामिल करने का शासनादेश जारी हुआ था जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया था। हमारी मांग थी कि श्रीकोट को स्वतंत्र नगर पंचायत बनाई जाए। इसके लिए प्रस्ताव भी पास किया था। अब यह मांग फिर तेज होने लगी है। पूर्व प्रधान हयात सिंह झिंक्वाड़ ने कहा कि जिला पंचायत से कई बार कूड़ेदान लगाने को कहा पर कोई सुनवाई नहीं हुई। श्रीकोट के विस्तारीकरण को देखते हुए इसे नगर पंचायत बनाया जाना जरूरी है।

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